मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट को भी राम वनगमन पर्यटन परिपथ से जोड़ा गया है जिससे यहां पर्यटन के क्षेत्र में विकास होगा। प्रभु श्री राम वनवास काल मे सबसे अधिक समय छत्तीसगढ़ में गुजारे थे। उनका नौनिहाल भी छत्तीसगढ़ है इस लिहाज से वे हमारे भांजे है। छतीसगढ़ में भांजो का चरणस्पर्श कर सम्मान देने की परम्परा है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मैनपाट महोत्सव का आयोजन राम वनगमन पर्यटन परिपथ के थींम पर किया जा रहा है। महोत्सव स्थल के साथ ही पूरे मार्ग मे राम वनगमन परिपथ के लोगो तथा श्री राम, सीता और लक्ष्मण के सुंदर चित्रकारी से सजा है।