00 विधायकों ने मामले को लेकर सदन की कमेटी से जांच कराने की मांग की रायपुर। धान और चावल के मुद्दे पर सदन लगातार गरमाया रहा। सत्ता पक्ष और...
00 विधायकों ने मामले को लेकर सदन की कमेटी से जांच कराने की मांग की
रायपुर। धान और चावल के मुद्दे पर सदन लगातार गरमाया रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार विषय को लेकर तीखी झड़प भी हुई। प्रश्नकाल के दौरान विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा कि चावल जमा करने की तारीख बढ़ाने के बावजूद चावल जमा नहीं हो सका। विभाग क्या कर रहा था? कितना चावल जमा करना था, कितना चावल जमा कर पाए? क्या वजह रही समय सीमा के अनुसार चावल नहीं जमा हो सका।
विपक्ष के सवाल पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब दिया। कहा कि 28 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करना था, कस्टम मीलिंग में देरी की वजह से जमा नहीं हो सका। लगभग ढाई लाख मीट्रिक टन चावल जमा नहीं हो सका। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया। इस दौरान सदन में ही मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
भाजपा विधायकों ने कहा कि मंत्री एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं दे पा रहे हैं। विपक्ष ने कस्टम मीलिंग में गड़बड़ी की मांग की। भारी विरोध के बीच मो. अकबर को खाद्य मंत्री का बचाव करना पड़ा। विधायकों ने मामले को लेकर सदन की कमेटी से जांच कराने की मांग की।
धान खरीदी और कस्टम मिलिंग में अनियमितता को लेकर भाजपा ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। जिसके बाद स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। कहा कि धान का मुद्दा काफी गंभीर विषय। धान खरीदी ट्रांसपोर्टिग से लेकर मिलिंग सभी में कमीशन का खेल चल रहा है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जिंदा किसान को मरा बता कर उसका धान नहीं खरीदा गया है। धान खरीदी केंद्र में धान पड़ा-पड़ा सड़ रहा है। लेकिन सभापति ने स्थगन प्रस्ताव की सूचना को नामंजूर कर दिया, सदन में भारी विरोध के बीच सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित करने की भी नौबत आ गई।
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