*योग कर निरोग रहने जन जागरूकता का होगा प्रयास* राजनांदगांव, 8 फरवरी 2021, कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनवाड़ी सेवा और पोषण अभियान के तहत पूर...
*योग कर निरोग रहने जन जागरूकता का होगा प्रयास*
राजनांदगांव, 8 फरवरी 2021, कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनवाड़ी सेवा और पोषण अभियान के तहत पूरक पोषण कार्यक्रम (एसएनपी) समेत सरकार कई कार्यक्रम संचालित कर रही है। कुपोषण उन्मूलन के लिए कई नवाचार भी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में एक पहल सरकार ने पोषण पंचायतों को सक्रिय कर की है। इसके तहत ग्राम पंचायतों के माध्यम से सुपोषण के लिए अति सूक्ष्म पोषण वातावरण निर्मित कर जागरूकता का प्रयास किया जाएगा I पोषण वाटिका समेत स्वस्थ्य और बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग को अपनाकर निरोग रहने की विशेष पहल भी की जाएगी।
भारत सरकार महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस आलोक में बीते दिनों निर्देश जारी कर इस पर अमल करने को कहा है। पोषण पंचायतों के माध्यम से पंचायती राज विभाग कुपोषण मुक्त भारत के लिए जन आंदोलन के माध्यम से कुपोषण के प्रभाव पर जन जागरूकता लाएगा। इसके तहत जमीनी स्तर पर, पोषण पंचायतें पोषण समूह और आम जनता के मध्य सुपोषित आहार की जरूरत, स्वस्थ्य और निरोगी शरीर और स्वच्छता की आवश्यकता पर जानकारी देते हुए लोगों को इनके लिए प्रेरित करेगा। इसके लिए हर पंचायत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा (मितानिन) और एएनएम लोगों को विशेषकर गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं तथा नवजात शिशु, किशोरियां और बच्चों को पोषण के महत्व बताते हुए सुपोषित आहार और बेहतर स्वस्थ्य दिलाने में सहभागी होंगी। साथ ही पंचायत प्रतिनिधि सही पोषण और सकारात्मक व्यवहारों को अपनाने के लिये लाभार्थियों को प्रोत्साहित करेंगे। साथ ही पोषण पंचायतों की जिम्मेदारी लाभार्थियों को कच्चा राशन उपलब्ध करवाने के साथ ही उसकी क्वालिटी का निरीक्षण और उसे वितरण करना होगा।
*पंचायत प्रतिनिधि रहेंगे सक्रिय-* सही पोषण और सकारात्मक व्यवहारों को अपनाने के लिए पोषण पंचायत के हर प्रतिनिधि गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं, किशोर-किशोरियों और बच्चों को गांव स्तर पर लोगों को विटामिन युक्त पोषक आहार लेने, गांव की हर गर्भवती महिला का प्रसव अस्पताल या चिकित्सा केन्द्र में कराने, खुले में शौच नहीं कर शौचालय का इस्तेमाल करने, हरी साग-सब्जियों को लगाने और उसे ही खाना, स्वच्छ वातावरण और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाने ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता और पोषण समिति की बैठक नियमित आयोजित कराने के लिए सक्रिय रहेंगे। कुपोषण के प्रति जन जागरूकता के लिए स्थानिय लोगों और युवाओं को इससे जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना भी शामिल है।
*योगा एट होम का होगा प्रचार-* देश की स्वदेशी पारंपरिक प्रथाओं का अनुकरण पोषण की आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है। इसलिए आयुष विभाग द्वारा योग और पौष्टिक आहार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आयुष सुविधाएं देश के कई जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थित हैं। सामुदायिक पोषण और स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण पर जोर दिया जाएगा। योग के माध्यम से बीमारियों की रोकथाम करने, स्वस्थ्य और निरोगी रहने योगा एट होमपर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत जिला आयुष अधिकारी पोषण वाटिका में औषधीय पौधों को लगवाने तथा औषधीय जड़ी-बूटीयों की मदद से एनीमिया ( रक्त अल्पता) को दूर करने का प्रयास करेंगे। शारीरिक तंदुरूस्ती के लिए हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों के अलावा घर पर ही लोगों को नियमित योगाभ्यास कराने पर जोर देंगे।
*पोषण है जरूरी-* पोषण अभियान के लिए लक्षित समूह में गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं और उनके नवजात बच्चे, 0-5 वर्ष के बच्चे और किशोरियां शामिल हैं। इसलिए मां के स्वास्थ्य और स्वस्थ्य बच्चों के जन्म को सुनिश्चित करने के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए सही पोषण तथा देखभाल महत्वपूर्ण है। बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों पर ध्यान देना जरूरी है। बच्चों को सही पोषण और देखभाल नहीं मिलने से उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है। साथ ही किशोरों का कम उम्र में विवाह उनके शारीरिक और मानसिक विकास में अवरोध ला सकता है। इसलिए लक्षित समूह को सुपोषित आहार और विशेष देखभाल आवश्यक है।
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