दैनिक संवाद न्यूज़ । चार मुख्य दिशाएं हैं उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम। जाहिर है कि आपका घर भी इन चार दिशाओं में से ही किसी एक दिशा में ह...
दैनिक संवाद न्यूज़ । चार मुख्य दिशाएं हैं उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम। जाहिर है कि आपका घर भी इन चार दिशाओं में से ही किसी एक दिशा में हो। इन चार दिशाओं में पूर्व और उत्तर दिशा में घर का मुख्य द्वार होना सर्वोत्तम माना जाता है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य दिशाओं में घर का मुख्यद्वार है तो आपके साथ कोई अनहोनी हो सकती है। घर में आर्थिक परेशानी एवं स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का कारण भी पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा का मुख्यद्वार नहीं होता है।
असल में दक्षिण और पश्चिम दिशा में कोई दोष नहीं होता है। इन दिशाओं में घर का मुख हो तब भी आप उन्नत और खुशहाल हो सकते हैं बस शर्त यह है कि घर में एक से अधिक वास्तुदोष मौजूद नहीं हो। पश्चिम दिशा में बने घर में परेशानी तभी आती है जब घर में कई वास्तु दोष मौजूद हों। अगर इन दोषों को ठीक कर लिया जाए तो पश्चिम दिशा में मुख्य द्वारा वाला घर भी भाग्यशाली हो सकता है।
पश्चिम मुखी घर को शुभ बनाने के उपाय
घर का मुख्य द्वार पश्चिम उत्तर दिशा में रखें। नैऋत्य यानी दक्षिण पश्चिम दिशा में घर का मुख नहीं होना चाहिए। इससे परिवार के पुरूष को मानसिक परेशानी एवं शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ता है। इससे परिवार में आर्थिक समस्याएं भी आती हैं।
पश्चिम मुखी घर को शुभ बनाने के उपाय
घर का मुख्य द्वार पश्चिम उत्तर दिशा में रखें। नैऋत्य यानी दक्षिण पश्चिम दिशा में घर का मुख नहीं होना चाहिए। इससे परिवार के पुरूष को मानसिक परेशानी एवं शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ता है। इससे परिवार में आर्थिक समस्याएं भी आती हैं।
किसी भी प्रकार का भूमिगत टैंक जैसे फ्रैश वाटर टैंक, बोरिंग, कुआं सैप्टिक टैंक उत्तर अथवा पूर्व दिशा में होना चाहिए। पश्चिम की तुलना में पूर्व दिशा में और दक्षिण की तुलना में उत्तर दिशा में ज्यादा खुली जगह होनी चाहिए।भवन का ईशान यानी उत्तर पूर्व कोण घटा, कटा, गोल अथवा ऊंचा नहीं होना चाहिए और नैऋत्य यानी दक्षिण पश्चम कोण बढ़ा हुआ अथवा नीचा नहीं होना चाहिए। यह ध्यान रखें कि घर की ऊंचाई जमीन से एक से दो फीट ऊंची और घर में फर्श समतल हो।यदि साफ-सफाई के लिए ढाल देना चाहें तो उत्तर, पूर्व दिशा या ईशान कोण की ओर ढाल दे सकते है। पानी के निकास के लिए पश्चिम मुखी घर में यह दिशा शुभ होती है।अगर वास्तु के इन नियमों का पालन करेंगे तो पश्चिममुखी घर में रहते हुए दिनों दिन समृद्ध और खुशहाल होते जाएंगे।
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