रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में हंगामा हो गया। विपक्ष ने सरकार के जन घोषणापत्र के अधूरे वादों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को...
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में हंगामा हो गया। विपक्ष ने सरकार के जन घोषणापत्र के अधूरे वादों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को घेरा। मुख्यमंत्री ने बताया, सरकार ने जो 36 वादे किए थे, उनमें से 14 को पूरा कर लिया गया है। आक्रामक विपक्ष ने इनको अधूरा बताया। इसको लेकर प्रश्नकाल में बड़ा हंगामा खड़ा हो गया।
प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जन घोषणापत्र का मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण में जन घोषणापत्र काे आत्मसात करने की बात कहवाई थी। इसमें ने कितनी घोषणाएं पूरी हुई। अधूरी घोषणाओं को कब तक पूरा कर लिया जाएगा। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 36 लक्ष्य निर्धारित करते हुए जन घोषणापत्र जारी किया गया था। इसमें 14 घोषणाएं जारी की जा चुकी हैं। 22 घोषणाएं अधूरी हैं। उनको पूरा करने की समय सीमा बताना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कृषि ऋण माफी, जलकर माफी, बिजली बिल हाफ जैसी घोषणाओं के पूरा होने की जानकारी दी।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, सरकार 14 घोषणाओं को पूरा करने का दावा कर रही है लेकिन जो गिना रहे हैं वह 7 भी नहीं है। इसका सत्ता पक्ष के विधायकों और मंत्रियों ने विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि क्या सरकार ने शराबबंदी का वादा पूरा कर दिया? सरकार ने घोषणापत्र में सहकारी खेती और मंडी शुल्क खत्म करने का वादा किया था। वह कब तक पूरा होगा। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, अभी सरकार को दो साल हुए हैं। सभी वादे समय से पूरे कर लिए जाएंगे। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने 35 किलोग्राम प्रति परिवार चावल और 10 लाख युवाओं को 2500 रुपए प्रति महीना भत्ता दिए जाने के वादाें को लेकर सवाल किया।
जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, उनकी सरकार ने यूनिवर्सल PDS सिस्टम के तहत सबके राशनकार्ड बनाए हैं। 56 लाख परिवारों को राशन दिया जा रहा है। विपक्ष की ओर से विधायकों ने झूठ बोलकर गुमराह करने का आरोप लगाया। इसके बाद सत्ता पक्ष के विधायक भी सीट से खड़े होकर भाजपा के घोषणापत्र और सरकार के कामकाज को गिनाने लगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, 15 साल के शासन में आपने कितने वादे पूरे किए थे। दोनों तरफ से आर्ग्यूमेंट आने की वजह से सदन में हंगामे की स्थिति बनी। नाराज विपक्ष ने कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।
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