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लगभग 40 लाख मेट्रिक टन धान खुले आसमान के नीचे - बृजमोहन अग्रवाल

0 कटमनी नहीं मिला इसलिए धान का नहीं हुआ उपार्जन 0 1000 करोड़ से अधिक का धान बारिश में बर्बाद रायपुर/11 मई/भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृज...

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0 कटमनी नहीं मिला इसलिए धान का नहीं हुआ उपार्जन

0 1000 करोड़ से अधिक का धान बारिश में बर्बाद


रायपुर/11 मई/भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार की लापरवाही व अदूरदर्शीपूर्ण निर्णयों एवं सरकार की लचर व्यवस्था के चलते 1000 करोड़ से अधिक का धान बेमौसम बारिश में उपार्जन केन्द्रों में, सोसायटियों में सड़ रहा है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार की अकर्मण्यता के चलते, मनचाही कटमनी न मिलने कारण 17 लाख मीट्रिक टन धान सोसायटियों व उपार्जन केंद्रों  मे पड़ा हुआ है, वहीं 20 लाख मीट्रिक टन धान  संग्रहण  केन्द्रो में पड़ा हुआ है वहीं पिछले साल का भी लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन धान खराब होकर पड़ा हुआ है। इस प्रकार पूरे प्रदेश में लगभग 40 लाख मीट्रिक टन धान बारिश में खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है और उठाव नहीं हो रहा है ना ही मीलिंग हो रही है। गांव-गांव से सोसायटी के पदाधिकारियों व प्रबंधकों द्वारा धान के उठाव के लिए हर स्तर पर पत्राचार किया गया, शासन से भी गुहार लगाई गई, उसके उपरांत भी लापरवाह शासन एवं प्रशासन ने धान का उठाव समय पर इसलिए नहीं करवाया कि मार्कफेड को मनचाही कटमनी नहीं मिली और 1000 करोड़ से अधिक का धान बारिश में सड़ने छोड़ दिया गया। अनेक जगहो पर धान को कैप कव्हर से ढककर भी नहीं रखा गया जिसके चलते धान भीग कर बर्बाद हो गया।

श्री अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार की मंशा ही धान को भिगाकर बारिश के आड़ में धान खरीदी, उठाव, मीलिंग व धान की बर्बादी के अपने काले पीले रिकार्ड को ढकने का रहा है। इन्हें प्रदेश को हो रहे 1000 करोड़ से अधिक के नुकसान से कोई लेना देना नहीं।


श्री अग्रवाल ने कहा कि अधिक कटमनी के चक्कर में सोसायटियों से व  संग्रहण  केन्द्रों से धान का उठाव नहीं कराया गया। पिछले 3-4 दिनों से लगातार हो रही बारिश से एक ओर जहां 1000 करोड़ से अधिक का धान सड़कर बर्बाद हो गया। यह सीधे-सीधे अन्न की बर्बादी है। जिन लोगों ने धान का समयबद्ध उठाव नहीं करवाया ऐसे अधिकारियों एवं जिम्मेदार लोगों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनसे इन राशियों की वसूली की जानी चाहिए।


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