कांकेर। ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलते समय शिक्षिका के बेटे ने 8 मार्च से 10 जून तक 278 बार में छोटी-छोटी रकम खर्च कर अपनी माँ के बैंक खाते से...
कांकेर। ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलते समय शिक्षिका के बेटे ने 8 मार्च से 10 जून तक 278 बार में छोटी-छोटी रकम खर्च कर अपनी माँ के बैंक खाते से तीन लाख रुपये खर्च कर डाले। पुलिस ने इस संबंध में महिला शिक्षिका को जांच के बाद बताया कि ऑनलाइन गेम खेलते समय बैंक से पैसे कटे हैं इसलिए किसी प्रकार का अपराध नहीं बनता है।
शिक्षिका ने पखांजूर पुलिस थाने में आवेदन दिया कि उसके बैंक खाते से 278 बार ट्रांजेक्शन कर तीन लाख 22 हजार रुपये निकाल लिए गए। साथ ही उसने बताया कि उक्त ट्रांजेक्शन का न तो उसके मोबाइल में कोई ओटीपी आया था और न ही कोई फोन काल। तीन माह पूर्व भारतीय स्टेट बैंक के खाते का एटीएम प्राप्त हुआ था, जो एक्टिव नहीं हो रहा था, जिसे एसबीआइ की शाखा में जाकर एक्टिव कराया था। एटीएम कार्ड के एक्टिव होने के बाद उनके द्वारा एटीएम का प्रयोग करते हुए पहली बार नौ हजार रुपये और दूसरी बार छह हजार रुपये निकाले थे। जिसके बाद उसने एटीएम कार्ड का उपयोग नहीं किया था। 10 जून को जब शिक्षिका एटीएम से पैसे निकालने के लिए पहुंची, तो उसके खाते में नौ हजार रुपये शेष थे। 11 जून को शिक्षका ने बैंक जाकर पासबुक एंट्री कराई। जिसे देखकर उसके होश उड़ गए। उसके बैंक खाते से आठ मार्च से 10 जून तक 278 बार छोटी-छोटी रकम का आहरण हुआ था और कुल तीन लाख 22 हजार रुपये खाते से ट्रांसफर हो गए थे।
शिक्षिका ने पखांजूर पुलिस थाने में आवेदन दिया कि उसके बैंक खाते से 278 बार ट्रांजेक्शन कर तीन लाख 22 हजार रुपये निकाल लिए गए। साथ ही उसने बताया कि उक्त ट्रांजेक्शन का न तो उसके मोबाइल में कोई ओटीपी आया था और न ही कोई फोन काल। तीन माह पूर्व भारतीय स्टेट बैंक के खाते का एटीएम प्राप्त हुआ था, जो एक्टिव नहीं हो रहा था, जिसे एसबीआइ की शाखा में जाकर एक्टिव कराया था। एटीएम कार्ड के एक्टिव होने के बाद उनके द्वारा एटीएम का प्रयोग करते हुए पहली बार नौ हजार रुपये और दूसरी बार छह हजार रुपये निकाले थे। जिसके बाद उसने एटीएम कार्ड का उपयोग नहीं किया था। 10 जून को जब शिक्षिका एटीएम से पैसे निकालने के लिए पहुंची, तो उसके खाते में नौ हजार रुपये शेष थे। 11 जून को शिक्षका ने बैंक जाकर पासबुक एंट्री कराई। जिसे देखकर उसके होश उड़ गए। उसके बैंक खाते से आठ मार्च से 10 जून तक 278 बार छोटी-छोटी रकम का आहरण हुआ था और कुल तीन लाख 22 हजार रुपये खाते से ट्रांसफर हो गए थे।
पखांजूर थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि शिक्षिका द्वारा खाते से तीन लाख 22 हजार रुपये आहरण की शिकायत की थी। जांच में पता चला कि उनका लगभग 10 साल का पुत्र है, जो उनके मोबाइल में आनलाइन फ्री फायर गेम खेलता था। उक्त मोबाइल में लगा सीम कार्ड शिक्षिका के बैंक खाते से लिंक था। जिससे खेल के दौरान जब भी खेल से संबंधित खरीदी करता, जिससे पैसा सीधे प्रार्थिया के बैंक खाते से कट जाता था। इस कारण प्रकरण में किसी प्रकार का अपराध नहीं बनता है।
साइबर एक्सपर्ट विराज मंडल ने बताया कि आनलाइन गेम में जब कोई व्यक्ति खरीदी करता है तो सिम के लिंक होने के कारण सीधे बैंक खाते से राशि कट जाती है। इसके लिए ओटीपी भी नहीं आता है। बैंक उपभोक्ताओं को सावधानी रखनी चाहिए और अपने बैंक खाते से लिंक नंबर का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए।
साइबर एक्सपर्ट विराज मंडल ने बताया कि आनलाइन गेम में जब कोई व्यक्ति खरीदी करता है तो सिम के लिंक होने के कारण सीधे बैंक खाते से राशि कट जाती है। इसके लिए ओटीपी भी नहीं आता है। बैंक उपभोक्ताओं को सावधानी रखनी चाहिए और अपने बैंक खाते से लिंक नंबर का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए।
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