रायपुर। कोरोना महामारी के दौरान पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षा 2020-21 की प्रायोगिक परीक्षाओं को टल दिया थ...
रायपुर। कोरोना महामारी के दौरान पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षा 2020-21 की प्रायोगिक परीक्षाओं को टल दिया था, लेकिन अब राज्य में घटते मरीजों को देखते हुए रविवि प्रशासन ने परीक्षा तिथियों की घोषणा कर दी। प्रायोगिक परीक्षाएं ऑफलाइन आयोजित की जाएगी जो 15 से 17 जुलाई तक होगी, इस दौरान परीक्षार्थियों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा।
रविवि के रजिस्ट्रार डॉ. गिरीशकांत पांडेय ने बताया कि सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षा 2020-21 की प्रायोगिक परीक्षाएं 15 से 17 जुलाई तक होगी जिसमें प्रतिदिन प्रतिपाली अधिकतम 30 परीक्षार्थी की शामिल होंगे और उन्हें राज्य सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। रविवि प्रशासन ने परीक्षार्थियों के आने और जाने के लिए अलग-अलग द्वार बनाए है ताकि कोई भी परीक्षार्थी कोरोना संक्रमित न हो सकें। परीक्षा देते समय मास्क, सैनिटाइजेनशन अनिवार्य होगा। इसके साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। परीक्षा केंद्रों में कोरोना को ध्यान में रखते हुए स्क्रीनिंग की व्यवस्था रविवि प्रशासन द्वारा की गई है। कोरोना संबंधित किसी तरह के लक्षण नजर आने पर छात्र परीक्षा नहीं दे सकेंगे। केंद्रों में रजिस्टर होंगे जिसमें छात्रों के नाम, नंबर, पते सभी दर्ज होंगे ताकि कोई संक्रमित पाया जाता है तो कांटेक्ट ट्रेसिंग आसानी से की जा सके और संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
रविवि के रजिस्ट्रार डॉ. गिरीशकांत पांडेय ने बताया कि सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षा 2020-21 की प्रायोगिक परीक्षाएं 15 से 17 जुलाई तक होगी जिसमें प्रतिदिन प्रतिपाली अधिकतम 30 परीक्षार्थी की शामिल होंगे और उन्हें राज्य सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। रविवि प्रशासन ने परीक्षार्थियों के आने और जाने के लिए अलग-अलग द्वार बनाए है ताकि कोई भी परीक्षार्थी कोरोना संक्रमित न हो सकें। परीक्षा देते समय मास्क, सैनिटाइजेनशन अनिवार्य होगा। इसके साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। परीक्षा केंद्रों में कोरोना को ध्यान में रखते हुए स्क्रीनिंग की व्यवस्था रविवि प्रशासन द्वारा की गई है। कोरोना संबंधित किसी तरह के लक्षण नजर आने पर छात्र परीक्षा नहीं दे सकेंगे। केंद्रों में रजिस्टर होंगे जिसमें छात्रों के नाम, नंबर, पते सभी दर्ज होंगे ताकि कोई संक्रमित पाया जाता है तो कांटेक्ट ट्रेसिंग आसानी से की जा सके और संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
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