इटारसी। टोक्यो ओलिंपिक में मैदान पर जैसे ही मध्यप्रदेश के बेटे विवेक सागर ने गोल दागा, इंडिया में खुशियां छा गईं। इटारसी के रहने वाले विव...
इटारसी। टोक्यो ओलिंपिक में मैदान पर जैसे ही मध्यप्रदेश के बेटे विवेक सागर ने गोल दागा, इंडिया में खुशियां छा गईं। इटारसी के रहने वाले विवेक ने दो दिन पहले अपने भाई विद्यासागर से वादा भी किया था। उसने कहा था कि तीन बार से गोल करने का मौका नहीं मिल पाया, लेकिन अगले मैच में वह गोल जरूर करेगा। इसके बाद भाई ने भी प्रोत्साहित किया। उसने यह करके भी दिखाया। गौरव भरे क्षण केा देख माता-पिता की आंखों में भी आंसू छलक पड़े।
गुरुवार को विवेक सागर के गोल के बाद भारतीय हॉकी टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई। इससे नर्मदाचंल गौरवान्वित महसूस कर रहा है। विवेक सागर के माता-पिता, भाई व हॉकी के उनके गुरुजनों को बधाइयां मिल रही हैं। विवेक की मां कमलादेवी ने कहा- आज विवेक का सपना पूरा हो गया। 29 जुलाई के मैच विवेक ने पहला गोल कर भारतीय टीम के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की राह आसान बनाई।मां कमलादेवी प्रसाद ने बताया कि विवेक से एक-दो दिन में एक बार वीडियो कॉलिंग से बातचीत होती है। जिस दिन मैच होता है, मैदान पर जाने से पहले वो मुझसे वीडियो कॉल कर आशीर्वाद लेता है। गुरुवार सुबह करीब 4 बजे भी उसका कॉल आया। कहा- मां आप आशीर्वाद दीजिएज् अपनी टीम, अपने देश के लिए बेहतर प्रदर्शन करूं। भाई विद्यासागर ने बताया, सुबह 6 बजे मैच शुरू हुआ। कमरे में टीवी चालू की। पापा रोहित प्रसाद कुर्सी पर बैठे थे। मैं, मम्मी, बहन पूजा व कुछ हॉकी खिलाड़ी मैच देखने लगे। पहला गोल वरुण कुमार ने किया। अर्जेंटीना की ओर से भी एक गोल हुआ। बराबर स्कोर पर मैच चल रहा था। बहन पूजा और चाय बनाने चली गई। हम सभी टकटकी लगाकर देख रहे थे। इतने में विवेक ने गोल कर दिया। जिसके बाद हम सभी ने खुशी से खड़े हो गए। हंसते-हंसते मम्मी-पापा की आंखों से आंसू निकल आए। बोले- आज बेटे का सपना पूरा हुआ।
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