नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बीच एक अच्छी खबर आ रही है. जी हां... देश में अगले महीने से कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज हो स...
नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बीच एक अच्छी खबर आ रही है. जी हां... देश में अगले महीने से कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज हो सकती है. दरअसल, केंद्र सरकार ने इस साल के अंत तक यानी दिसंबर तक सभी वयस्कों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है. वर्तमान की बात करें तो अभी देश में वैक्सीन की कमी नजर आ रही है. लेकिन खबर है कि अगले महीने यानी अगस्त से देश में निर्मित स्पूतनिक वी के अलावा बायोलॉजिकल ई और जायडस कैडिला का वैक्सीन भी लोगों को लगने लगेगा. इससे प्रतिदिन 80-90 लाख वैक्सीन लगने शुरू हो जाएंगे.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से मीडिया में खबर चल रही है कि जुलाई में वैक्सीन की 12 करोड़ खुराकें उपलब्ध हो जाएंगी. ये वैक्सीन की खुराक कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन की होंगी. अगस्त-सितंबर से इनके उत्पादन में भी थोड़ी बढ़ोत्तरी की जाएगी. जायडल कैडिला का वैक्सीन तैयार है...यह मंजूरी की प्रक्रिया में है. यही नहीं बायोलॉजिकल ई के वैक्सीन के परीक्षण भी करीब-करीब पूरे होने के कागार पर है. बताया जा रहा है कि अगस्त से इसकी भी आपूर्ति शुरू हो सकती है. कैडिला का शुरुआती उत्पादन प्रतिमाह 1-2 करोड़ तथा बायोलॉजिकल ई का 4-5 करोड़ रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
खबरों के अनुसार स्पूतनिक वैक्सीन का हिमाचल में उत्पादन शुरू हो चुका है. जबकि और वैक्सीन रूस से आयात होकर भी आ रही हैं. उधर, मॉडर्ना एवं सिप्ला के बीच वैक्सीन की खरीद को लेकर भी बातचीत अंतिम दौर में नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि अगले महीने यानी अगस्त से मॉडर्ना का वैक्सीन भी आयात होकर देश में लगाया जा सकता है. फाइजर वैक्सीन की बात करें तो इससे सरकार की बात अंतिम दौर में है. एक दो महीनों के भीतर आपूर्ति संभव दिख रही है. मंत्रालय के अनुसार अगस्त से वैक्सीन की उपलब्धता बढ़नी शुरू हो जाएगी और सितंबर-अक्तूबर में प्रतिदिन एक करोड़ तक वैक्सीन देश में लगने शुरू हो सकते हैं.
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