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चहुंओर भष्ट्राचार, यही है कांग्रेस की सरकार : कौशिक

  *नेता प्रतिपक्ष कौशिक का आरोप, कांग्रेस में पग-पग और रग-रग में है भष्ट्राचार*    *रायपुर*। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौश...

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*नेता प्रतिपक्ष कौशिक का आरोप, कांग्रेस में पग-पग और रग-रग में है भष्ट्राचार*  

 *रायपुर*। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार के 900 दिनों का  कार्यकाल पूरी तरह से भ्रष्टाचार को समर्पित रहा है। इस सरकार के पग-पग में और रग-रग में भ्रष्टाचार है। हर दिन भ्रष्टाचार इनकी प्रमुख कार्ययोजना में शामिल है। उन्होंने कहा कि  प्रदेश की राजधानी से लेकर हर शहर-हर गांव में सारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। सरकारी योजना केवल मात्र कागजों पर ही संचालित हैं। जनता को योजना के नाम पर कुछ भी लाभ नहीं मिल रहा है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में बर्तन क्रय में भारी भ्रष्टाचार के मामले सामने आये हैं। इसमें प्रमुखता से राजनांदगांव व महासमुंद जिलों में बर्तन की खरीदी में क्रय नियमों का पालन ही नहीं हुआ है। इसके साथ ही मामले सामने आने के बाद राजनांदगांव जिले में गुणवत्ता पूर्ण बर्तन नहीं दिये जाने के संबध में विधानसभा में प्रदेश की सरकार ने स्वीकार किया तथा राशि में कटौती की गयी है, जो भी नियम के विरुध है, क्योकि भंडार क्रय नियमों में इसका कोई प्रवधान नहीं है तथा उच्च संरक्षण में यह भ्रष्टाचार किया गया है व अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। वहीं अब निविदा के मुताबिक बर्तन के वास्तविक वजन  पर भी सवाल उठने लगा है। इसके  पीछे करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की मंशा साफ झलकती है। इसके साथ ही सूखा राशन में करीब 4 सौ करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है। जिन एंजेसी एनसीसीएफ, केन्द्रीय भंडार व नेकॉफ से सूखा राशन की खरीदी नहीं की जानी चाहिये थी, इसके बाद भी प्रदेश की सरकार ने अपनों हितों को साधने के लिये  इन एंजेसियों से ही सूखा राशन की खरीदी की है। जिसे लेकर भी अब कई सवाल उठने लगे हैं तथा नेता प्रतिपक्ष द्वारा विधानसभा में उठाये गये प्रश्न के सवाल में विभाग ने स्वीकारा है कि इसका परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अभियान के तहत् प्रदेश में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। केन्द्र सरकार से बीपीएल वर्ग के छात्रों के अध्ययन के लिये 2019- 2020 में केन्द्रांश 50 करोड़ व 2020-2021 में 93 करोड़ प्राप्त हुआ था। जिसे स्कूल के खातों में जमा किया जाना था लेकिन छह निजी व्यक्तियों के खाते में नियम विरुद्ध जमा करने की जानकारी विभाग द्वारा दी गयी है। मगर अब तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। इस तरह से नियमों के  विरुद्ध पैसे का भुगतान प्रदेश सरकार की मंशा को प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि वन विभाग में पूरे प्रदेश में भारी भ्रष्टाचार का आलम है। बीजापुर वनमंडल में क्रय नियमों का पालन किए बिना ही खरीदी की गयी है। जब मामला सामने आया तो अधिकारियों को बचाने में प्रदेश की सरकार जुट गयी तथा मात्र भविष्य के लिये सचेत करते हुए बड़े घोटाले में लिप्त अधिकारियों को बचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2019-2020 में इंद्रावती रिजर्व फारेस्ट में भी भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है। इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार केवल प्रक्रियात्मक त्रुटि बताकर दोषी अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रही है। यहां पर भी करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। पूर मामले में लगातार पर्दा डालने में पूरा  अमला जुटा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक  ने कहा कि प्रदेश सरकार की कहीं भी मंशा नहीं है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाये। यहां तो प्रदेश सरकार अपने दिल्ली दरबार को खुश करने के लिये एटीएम के तौर पर कार्य कर  रही है। इससे स्पष्ट है कि  प्रदेश की सरकार की पहली प्रथामिकता ही भ्रष्टाचार रह गयी है। इसे जनता भंलिभांति समझने लगी है।


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