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अमेरिका के बाद IMF ने लगाया तालिबान पर 3400 करोड़ रुपए के इमरजेंसी रिजर्व पर बैन

  नई दिल्ली । अफगानिस्तान  पर कब्जा कर अपनी धाक जमाने वाले तालिबान को अब एक-एक कर झटके लग रहे हैं. हाल ही में अमेरिका ने 9.5 अरब डॉलर यानी 7...

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नई दिल्ली । अफगानिस्तान  पर कब्जा कर अपनी धाक जमाने वाले तालिबान को अब एक-एक कर झटके लग रहे हैं. हाल ही में अमेरिका ने 9.5 अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपए की संपत्ति फ्रीज कर दी थी जिसके बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष  ने अपने संसाधनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएमएफ ने कहा है कि तालिबान के कब्जे वाला अफगानिस्तान अब उनके संसाधनों का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा और ना ही उन्हें कोई नई मदद दी जाएगी. आईएमएफ ने 460 मिलियन डॉलर यानी  करीब 3400 करोड़ रुपये की इमरजेंसी रिजर्व तक अफगानिस्तान की पहुंच पर रोक लगा दी है. तालिबान के कब्जे के बाद देश के भविष्य के लिए अनिश्चितता को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.

तालिबान ने भी लिया भारत को लेकर बड़ा फैसला

वहीं दूसरी ओर तालिबान ने भारत के साथ हर तरह के आयात और निर्यात पर बैन लगाने का फैसला किया है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन यानी FIEO के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर अजय सहाय ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि तालिबान ने कार्गो मूवमेंट को रोक दिया है. यह व्यापार पाकिस्तानी ट्रांजिट रूट के जरिए होता था. ट्रांजिट रूट मूवमेंट पर रोक के कारण अफगानिस्तान से होने वाले आयात-निर्यात पर पूरी तरह रोक लग चुकी है. अजय सहाय ने कहा कि अफगानिस्तान से होने वाला आयात पाकिस्तान के ट्रांजिट रूट के जरिए होता था. फिलहाल के लिए तालिबान ने पाकिस्तान जाने वाले कार्गो मूवमेंट पर रोक लगा दी है. तालिबानी शासक किस तरह फैसले ले रहे हैं, उस पर हमारी निगाहें हैं.

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने बुधवार को कहा कि वह अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को तब तक रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जब तक कि वहां से हर अमेरिकी को निकाला नहीं जाता है, भले ही उन्हें वापसी के लिए उनकी 31 अगस्त की समय सीमा के बाद भी वहां सैन्य उपस्थिति बनाए रखना हो. एबीसी न्यूज के साथ एक अपने एक इंटव्यू में राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि समय सीमा से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकियों और अमेरिकी सहयोगियों को निकालने के लिए अमेरिका पूरी ताकत लगा रहा है. उन्होंने कहा कि हम “हमारी शक्ति में सब कुछ” करेगें.


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