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OBC आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल लोकसभा में पास, 385 सदस्यों ने किया समर्थन

  नई दिल्ली । लोकसभा में मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ओबीसी आरक्षण की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाला बिल ध्‍वनिमत से ...

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नई दिल्ली । लोकसभा में मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ओबीसी आरक्षण की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाला बिल ध्‍वनिमत से पारित हो गया. लोकसभा में 385 सदस्यों ने इसके समर्थन में मतदान किया. सदन में किसी भी सदस्‍य ने इस बिल का विरोध नहीं किया. विधेयक पारित होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

इससे राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिलेगा. इसी साल 5 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर पुर्नविचार की याचिका पर सुनवाई करने की मांग खारिज कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 102वें संविधान संशोधन के बाद OBC लिस्ट जारी करने का अधिकार केवल केंद्र के पास है.

पहले हुई बिल पर विस्तार से चर्चा

इससे पहले बिल पर विस्तार से चर्चा की गई. चर्चा के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि इस बिल के आने के बाद राज्य सरकारों को ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा. कांग्रेस समेत अन्य सभी विपक्षी दलों ने भी इस बिल का समर्थन किया है. साथ ही विपक्षी दलों ने आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाने की मांग भी सदन में रखी है.


कांग्रेस ने भी दिया पूरा समर्थन 

बहस की शुरुआत करते हुए, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिल को अपनी पार्टी का पूरा समर्थन दिया, लेकिन 2018 के संशोधन के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अगर सरकार ने विपक्ष द्वारा प्रस्तावित सुझाव डाला होता, तो आज की स्थिति उत्पन्न नहीं होती. उन्होंने कहा, “आपने 2018 में 102 संविधान संशोधन विधेयक लाकर संविधान में बदलाव किया, जिससे लोगों को अदालत जाने का मौका मिला और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की शक्ति को हटा दिया.”

सरकार ने कहा कि लगभग 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है, जबकि शेष राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के कार्यान्वयन के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने लोकसभा में कहा उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड, गुजरात, कर्नाटक, झारखंड, महाराष्ट्र, मिजोरम, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, गोवा, असम, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है.


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