*बस्तर संभाग के 7 जिले, सरगुजा संभाग के 5 जिले और राजनांदगांव तथा कवर्धा जिले के गौठानों में स्थापित किए जाएंगे कोदो प्रसंस्करण केन्द्र* ...
*बस्तर संभाग के 7 जिले, सरगुजा संभाग के 5 जिले और राजनांदगांव तथा कवर्धा जिले के गौठानों में स्थापित किए जाएंगे कोदो प्रसंस्करण केन्द्र*
*बस्तर संभाग में जहां स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ हुए हैं, वहां हॉस्टल खोलने की घोषणा*
*मुख्यमंत्री ने कांकेर, कोण्डागांव और बस्तर जिले से आए आदिवासी प्रतिनिधिमंडल को किया सम्बोधित*
रायपुर,
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य के 14 जिले जहां कोदो-कुटकी का उत्पादन होता है, वहां राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर कोदो-कुटकी की खरीदी की व्यवस्था की जाएगी और इन जिलों के गौठानों में कोदो के प्रसंस्करण केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे और प्रसंस्कृत कोदो की मार्केटिंग की भी अच्छी व्यवस्था की जाएगी। कोदो-कुटकी का उत्पादन करने वाले जिलों में बस्तर संभाग के 7 जिले, सरगुजा संभाग के 5 जिले और राजनांदगांव तथा कवर्धा जिले शामिल हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास में कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर जिले से आए हल्बा और भतरा सहित विभिन्न आदिवासी समाजों के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने उनसे यह आग्रह भी किया कि वे अपनी सामाजिक बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बारे में चर्चा करें। यदि किसी के बच्चे पढ़ाई के लायक हैं तो समाज के मुखिया उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करें। इलाज की जरूरत होने पर उनका इलाज कराने में मदद करें और बच्चों के रोजगार के लिए भी पहल करें। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की मांग पर बस्तर संभाग में जहां स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ हुए हैं, वहां हॉस्टल खोलने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे इन स्कूलों में दूर गांवों से आने वाले बच्चों को आवासीय सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रतिनिधि मंडल से चर्चा के दौरान कहा है कि राज्य सरकार आदिवासियों के हित संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का प्रयास है कि आदिवासियों के जीवन में परिवर्तन आए, उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर मिलें। श्री बघेल ने कहा कि जीवन स्तर में परिवर्तन लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। किसानों की कर्ज माफी, 2500 रूपए में धान खरीदी, लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और प्रसंस्करण, तेंदूपत्ता संग्रहण दर बढ़ाकर चार हजार रूपए प्रति मानक बोरा करने सहित अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं, जिनसे किसानों की आय में वृद्धि हुई। राजीव गांधी किसान ने योजना में नौ हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने, गोधन न्याय योजना के माध्यम से भी लोगों की आय में वृद्धि का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार ने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य घोषित किया है, इनकी बिक्री की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की जा रही है।
आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, विधायक श्री चंदन कश्यप और श्री संतराम नेताम सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर कांकेर, कोंडागांव और बस्तर जिले के भतरा और हल्बा जनजातियों के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे। कार्यक्रम को उद्योग मंत्री सहित विधायकों ने भी सम्बोधित किया।
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