रायपुर । भीमसेरिया आई एंड मैटरनिटी सेंटर रायपुर में आखों की अत्यंत जटिल शल्य क्रिया की गयी है। महज आठ वर्ष के मासूम बच्चे विशाल को बचपन...
रायपुर । भीमसेरिया आई एंड मैटरनिटी सेंटर रायपुर में आखों की अत्यंत जटिल शल्य क्रिया की गयी है। महज आठ वर्ष के मासूम बच्चे विशाल को बचपन से ही कम दिखाई पड़ता था। जांच करने पर पता चला की उसे मार्फंस नाम की अत्यंत दुर्लभ बीमारी है जो आखों के साथ साथ ह्रदय , फेफड़े और हड्डियों को भी प्रभावित करती है ।
हॉस्पिटल के मुख्य एवं वरिष्ठ चिकितसक डॉ प्रमोद भीमसेरिया ने बताया की इसमें आखों का प्राकृतिक लेंस पूरी तरह खिसका होता है जिसके कारन दिखाई नहीं पड़ता। इसका निदान जल्दीं से जल्दी शल्य क्रिया है जो अत्यन ही कठिन है। यही कारण है कि, अस्पताल प्रबंधन ने इस केस को किसी चुनौती की तरह देखा और डॉक्टरों की टीम ने हर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच करने के बाद उन्नत तकनीक और आधुनिक संसाधनों का उपयोग करके इस ऑपरेशन को सफल बनाया है। ऑपरेशन के बाद मरीज विशाल वर्मा को अब सब कुछ बेहद साफ और पहले से बेहतर दिख रहा है। बेटे की जिंदगी में आंख की रोशनी लौट आई इस बात से उसके अभिभावक और परिवार वाले बेहद खुश हैं । साथ ही अस्पताल प्रबंधन इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में देखता है। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान सर्जरी को सफल बनाने के लिए घंटों की कड़ी मेहनत और अनुभव की जरूरत थी, यहां सर्जन डॉ प्रमोद भीमसेरिया , निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ चंद्राकर से लेकर नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ तक सभी ने अपनी पूरी लगन और मेहनत के साथ इस ऑपरेशन को सफल बनाया है। छोटे बच्चे के परिवार ने इन सभी अस्पताल के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार जताया है।
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