मैनपुर : सीतानदी रिजर्व फारेस्ट एरिया के रिसगांव जंगल में उड़ने वाली गिलहरी और भारतीय विशाल गिलहरी का शिकार करने के मामले में वन विभाग की...
मैनपुर
: सीतानदी रिजर्व फारेस्ट एरिया के रिसगांव जंगल में उड़ने वाली गिलहरी और
भारतीय विशाल गिलहरी का शिकार करने के मामले में वन विभाग की एंटी पोचिंग
टीम ने पांच शिकारियों को पकड़ा है। आरोपितों ने प्रशिक्षित कुत्तों की मदद
से रात के अंधेरे में गिलहरी का शिकार किया था। गिरफ्तार आरोपित धनसाय
गोंड़, सुरेन्द्र गोंड़, थानेश्वर गोंड़, रजमन गोंड़ ग्राम बुड्रा बेलरगांव के
और आरोपित अरुण गोंड उड़ीद गांव जिला कोंडागांव का रहने वाला है। वे कुत्तों
की मदद से हिरण, खरगोश और जंगली सूअरों तक का शिकार करने में माहिर हैं।
उनके पास से जंगली जीवों के अवशेष, सींग आदि बरामद हुए हैं। आरोपितों के
ठिकाने से सागौन लकड़ी का जखीरा बरामद हुआ है। आरोपितों के खिलाफ वन्य
प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई। सभी
आरोपितों को वन अपराध प्रकरण में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी व्यवहार
न्यायालय नगरी के समक्ष पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। रिसगांव
का वन अमला सोमवार को शाम साढ़े सात बजे जिप्सी में रात्रिकालीन निगरानी
में निकला। अमला ग्राम ठोठाझरिया से गाताबाहरा होते हुए खल्लारी साल्हेभाठ
से एकावारी पहुंचा। रात लगभग 12:30 बजे दो मोटरसाइकिलों में तीन-तीन
व्यक्ति बैठे लिखमा से टागरीडोंगरी की ओर जाते हुए दिखे। गश्ती दल ने पीछा
कर उन्हें रोका तो पीछे चल रहे मोटरसाइकिल सवार फरार हो गए। बाइक सवार
आरोपित धनसाय और अरुण ने पूछताछ में तीन अन्य साथियों के साथ प्रशिक्षित
पालतू कुत्तों के मदद से उड़न गिलहरी और भारतीय विशाल गिलहरी का शिकार करना
स्वीकार किया। उनसे दो गुलेल, बड़ा टार्च मिला। फरार आरोपित सुरेन्द्र गोंड़
ग्राम बुड्रा धमतरी के घर की तलाशी में हिरण के दो सींग, जंगली सूअर का एक
दांत, एक साही पंख, एक खरगोश फंदा, साल और सागौन का चिरान बरामद हुआ। उड़न
गिलहरी यानी भारतीय विशाल गिलहरी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की अनुसूची
एक में दर्ज है, जिसके शिकार पर कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम सात वर्ष
कारावास एवं 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान है। भारतीय विशाल गिलहरी
एक बड़ी, बहुरंगी और शाकाहारी वृक्ष गिलहरी प्रजाति है, जो भारत के जंगलों
में पाई जाती है। यह पेड़ों की ऊंचाई पर घोंसला बनाती है और 36 फीट तक कूद
सकती है। इसका आहार फल, फूल, मेवे, छाल और कभी-कभी कीड़े और पक्षियों के
अंडे होते हैं। यह दिन के शुरुआती घंटों में सक्रिय रहती है और इसके मुख्य
शिकारी उल्लू और तेंदुआ हैं।
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