नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने के साथ ही अर्थव्यवस्था को गति देने वाले चार इंज...
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने के साथ ही अर्थव्यवस्था को गति देने वाले चार इंजनों कृषि, एमएसएमई, निवेश तथा निर्यात को विशेष प्रोत्साहन देने के उपाायों करते हुए बिहार के लिए कई घोषणायें की है। बजट में वित्त मंत्री ने 12.75 लाख रुपए तक की आय वाले करदाताओं और वेतनभोगियों के लिए शून्य कर के प्रावधान के साथ साथ किराये से प्राप्त पर आय और बुजुर्गों की ब्याज से आय पर टीडीएस की कटौती की सीमा बढ़ाने के उपाय किये हैं। उन्होंने एमएसएमई इकाईयों को नयी परिभाषा दी है जिसमें उनके निवेश और कारोबार की सीमा 2.5 गुना और दो गुना हो गयी है। श्रीमती सीतारमण ने शनिवार को संसद में तेलुगु कवि और नाटककार गुरजादा अप्पा राव की प्रसिद्ध पंक्ति, -‘एक देश सिर्फ उसकी मिट्टी नहीं है; एक देश उसके लोग हैं’- को उद्धृत किया और सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास को प्रोत्साहित करते हुए “सबका विकास” थीम के साथ केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि उधार के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 34.96 लाख करोड़ रुपये और 50.65 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। शुद्ध कर प्राप्तियाँ 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में उधार के अलावा कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 31.47 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से शुद्ध कर प्राप्तियां 25.57 लाख करोड़ रुपये हैं। कुल व्यय का संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ है, जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 10.18 लाख करोड़ रुपये है। राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 2024-25 सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.8 प्रतिशत है जबकि बजट 2025-26 में जीडीपी का 4.4 प्रतिशत होने का अनुमान है। राजकोषीय समेकन को जारी रखने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार हर साल राजकोषीय घाटे को इस तरह बनाए रखने का प्रयास करती है कि केंद्र सरकार का कर्ज जीडीपी के प्रतिशत के रूप में घटता रहे और इसके लिए अगले छह वर्षों के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया है। वित्त मंत्री ने विकसित भारत के सिद्धांतों को रेखांकित किया, जिसमें शून्य गरीबी, सौ प्रतिशत अच्छी गुणवत्ता वाली स्कूली शिक्षा, उच्च गुणवत्ता वाली, सस्ती और व्यापक स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच, सार्थक रोजगार के साथ सौ प्रतिशत कुशल श्रम, आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएँ और किसानों पर जोर दिया गया है।
[Collection]
No comments