रायपुर । छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पहलगाम हमले का विरोध करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा क...
रायपुर
। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पहलगाम हमले का विरोध करते हुए निंदा प्रस्ताव
पारित किया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पहलगाम की
घटना झीरम घाटी हमले जैसी है। दोनों मामलों में नाम पूछकर हत्याएं की गईं,
सुरक्षा नहीं थी और सरकार नाकाम रही। भिलाई में भूपेश बघेल ने कहा- पहलगाम
हमले ने न केवल 27 परिवारों को उजाड़ा, बल्कि पूरे देश को शोक में डुबो
दिया है। कांग्रेस ने पहलगाम हमले का विरोध करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित
किया है। भूपेश बघेल बोले- पहलगाम हमले ने न केवल 26 परिवारों को उजाड़ा,
बल्कि पूरे देश को शोक में डुबो दिया है। बघेल ने कहा कि धर्म पूछ-पूछकर
हत्याएं की गईं, कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया और घोड़ा चला रहे लोगों
ने अपनी जान जोखिम में डालकर पर्यटकों को बचाया। उन्होंने कहा कि झीरम घाटी
की तरह पहलगाम में भी सुरक्षा नहीं थी। झीरम में 33 लोग मारे गए थे,
पहलगाम में 26 लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि इस हमले में भी पुलिस और
अर्धसैनिक बल मदद के लिए सामने नहीं आए। इस घटना ने झीरम की याद ताजा कर दी
है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने इस घटना की निंदा की, शोक व्यक्त
किया और केंद्र को समर्थन देने की बात कही, लेकिन भाजपा की सोशल मीडिया टीम
ने केवल 'धर्म पूछकर मारा' को ही मुख्य मुद्दा बना दिया। 25 मई 2013 की
शाम नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर 30 लोगों की
हत्या की थी।
12 साल पहले हुआ था
झीरम घाटी का नरसंहार 25 मई 2013 की शाम नक्सलियों ने पूरे देश को स्तब्ध
कर दिया था। बस्तर की दरभा-झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की
परिवर्तन यात्रा पर हमला कर 30 लोगों की हत्या कर दी थी। इसमें पूर्व
केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व मंत्री और तत्कालीन प्रदेश
कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, पूर्व मंत्री
महेंन्द्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता,
कार्यकर्ता, जवान मारे गए थे। हत्याकांड की जांच की जिम्मेदारी केंद्र
सरकार ने दो दिन बाद ही 27 मई 2023 को एनआईए को सौंप दी थी। एनआईए ने 24
सितंबर 2014 को विशेष अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें 9 गिरफ्तार
नक्सलियों समेत 39 को इस हत्याकांड का आरोपी बताया गया। इसके बाद 28 सितंबर
2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट जमा की। उसमें 88 और आरोपियों को शामिल
किया गया। इसके बाद एनआईए जांच लगभग बंद कर दी। पहलगाम हमले के बाद देश की
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भिलाई कोसानाला बौद्ध भूमि में 25
अप्रैल को होने वाली 'संविधान बचाओ रैली' स्थगित कर दी गई है। बघेल ने सवाल
उठाया कि हमले के समय सहायता क्यों नहीं पहुंची? इसका जिम्मेदार कौन है?
इंटेलिजेंस फेलियर का जिम्मेदार कौन है? इंडियन नेशनल कांग्रेस के ऑफिशियल
सोशल मीडिया पेज से एक पोस्ट शेयर करते हुए भाजपा पर दोहरा चरित्र दिखाने
का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस ने लिखा-'खुद देख लीजिए कि राजनीतिक नौटंकी
किसने की और असली मदद किसने की।'
दरअसल चिरमिरी से बीजेपी नेता अरविंद अग्रवाल और उनका परिवार भी घटना वाले दिन पहलगाम में था। जहां कश्मीर के ही रहने वाले नजाकत ने अग्रवाल और उनके परिवार की जान बचाई। ऐसे में पोस्ट में अरविंद अग्रवाल के दो सोशल मीडिया बयान दिखाए गए हैं। एक पोस्ट में अग्रवाल नजाकत को धन्यवाद देते हुए लिखते हैं 'आपने अपनी जान दांव में लगाकर हमारी जान बचाई, हम नजाकत भाई का एहसान कभी नहीं भूल पाएंगे।' वहीं, दूसरी ओर डिप्टी सीएम अरुण साव के उस बयान पर, जिसमें कहा गया था कि 'राज्य सरकार हरसंभव मदद पहुंचा रही है', उसी पर अरविंद अग्रवाल का कमेंट सामने आता है -'कोई मदद नहीं मिली… हम और हमारा परिवार फंसा हुआ है।' कांग्रेस ने इन दोनों बयानों को सामने रखकर भाजपा पर सवाल उठाया है कि पार्टी के नेता ही तय नहीं कर पा रहे कि मदद मिली या नहीं। पार्टी ने दावा किया है कि मैदान में कौन था और कौन सिर्फ बयान दे रहा था, ये जनता को अब साफ दिख रहा है।
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