नई दिल्ली । अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने 9 जुलाई, बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है। माना...
नई
दिल्ली । अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के
संयुक्त मंच ने 9 जुलाई, बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है। माना जा
रहा है कि चुनावी राज्य होने के कारण बिहार में इसका असर दिखाई दे सकता है।
साथ ही गैर-भाजपा शासित राज्यों में भी आम जनजीवन पर बंद का असर हो सकता
है। जानकारी के मुताबिक, बैंकिंग, बीमा, डाक सेवाओं से लेकर कोयला खनन तक
के क्षेत्रों के 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी इस देशव्यापी हड़ताल में
हिस्सा से सकते हैं। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के अनुसार, Bharat Bandh का
उद्देश्य केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी
कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ विरोध करना है। आशंका जताई जा रही है कि
कहीं-कहीं रेल और बस सेवा सहित यातायात के साधनों पर असर पड़ सकता है।
हालांकि, रेलवे यूनियनों ने इस भारत बंद में हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन
पहले देखा गया है कि प्रदर्शन रेलवे स्टेशनों या ट्रेनों को निशाना बनाते
हैं।
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