Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking :

latest

धान खरीदी हेतु अनिवार्य पंजीयन — 31 अक्टूबर तक कराएं एग्रीस्टैक पोर्टल में नाम दर्ज

रायपुर 08 अक्टूबर 2025/ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु किसानों का एग्रीस...

यह भी पढ़ें :-

रायपुर 08 अक्टूबर 2025/ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु किसानों का एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन आवश्यक है। खाद्य सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने जानकारी दी कि एग्रीस्टैक पोर्टल भारत सरकार द्वारा विकसित एक यूनिफाइड एग्रीकल्चर डेटाबेस है, जिसमें किसानों का भूमि एवं आधार लिंक्ड पंजीयन किया जाता है। पंजीकरण उपरांत किसानों को एक यूनिक फार्मर आईडी (Unique Farmer ID) प्राप्त होती है। यह आधार लिंक्ड डेटाबेस शासन की विभिन्न योजनाओं के लाभ केवल वास्तविक पात्र किसानों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के तहत किसानों को सीधे भुगतान किया जाता है। अतः शासन की मंशा है कि सभी पात्र किसान सुशासन एवं पारदर्शिता के साथ इस योजना का वास्तविक लाभ प्राप्त करें। गत वर्ष राज्य के 25.49 लाख किसानों ने धान विक्रय किया था। एग्रीस्टैक में आधार-आधारित पंजीयन और ई-केवाईसी की व्यवस्था से संपूर्ण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता, सटीकता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित होगा। एग्रीस्टैक पोर्टल डिजिटल क्रांति की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी, सटीक और किसान हितैषी बनाएगा। एग्रीस्टैक पोर्टल से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 पर संपर्क किया जा सकता है।

वर्तमान वर्ष में अब तक 21.47 लाख किसानों ने एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण कर लिया है। शेष किसान अपने निकटतम सहकारी समिति या निर्धारित केंद्र में जाकर 31 अक्टूबर 2025 तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। इस संबंध में सभी समितियों और जिला कलेक्टरों को पूर्व में आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष राज्य के 20 हजार ग्रामों में से 13 हजार 879 ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया गया है। इस डिजिटल क्रॉप सर्वे और मैनुअल गिरदावरी की रिपोर्टों का 2 से 14 अक्टूबर 2025 तक ग्राम सभाओं में पठन किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में मुनादी कर सूचना दी गई है और सर्वे सूची का पंचायत भवनों में प्रदर्शन (चस्पा) भी किया गया है। इसकी सतत निगरानी जिला कलेक्टर, खाद्य अधिकारियों तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जा रही है। यह पहल “डिजिटल एग्रीकल्चर और गुड गवर्नेंस” की दिशा में राज्य का एक सशक्त और दूरदर्शी कदम है।



from Chhattisgarh Star https://ift.tt/x9H5uQj
via IFTTT

No comments