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मोबाइल एप से खेत-खेत तक पहुँचा डेटा, जशपुर में डिजिटल फसल सर्वेक्षण संपन्न

  रायपुर, 16 अक्टूबर 2025 कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन में जशपुर जिले के सभी तहसीलों में एग्रीस्टैक परियोजना अंतर्गत डिजिटल क्रॉप सर...

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रायपुर, 16 अक्टूबर 2025 कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन में जशपुर जिले के सभी तहसीलों में एग्रीस्टैक परियोजना अंतर्गत डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसके तहत जिले के कुल 744 गांवों के 4 लाख 3 हजार से अधिक खसरों में डीसीएस के माध्यम से तथा शेष खसरों में मैन्युअल गिरदावरी कर फसलों की ऑनलाइन प्रविष्टि की गई है। इसका उद्देश्य भूमि पर लगी फसल एवं उसके क्षेत्रफल का सटीक आंकलन कर पारदर्शिता एवं उत्पादकता का अनुमान सुनिश्चित करना है। डीसीएस एवं मैन्युअल गिरदावरी से प्राप्त डाटा का उपयोग राज्य शासन द्वारा धान खरीदी सहित अन्य कृषि योजनाओं में किया जाएगा। विशेष अभियान के तहत चलाए गए सर्वे कार्य में सर्वेक्षण कर्ताओं द्वारा किसानों के खेतों में पहुंचकर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से किस रकबे में कौन सी फसल लगाई गई है, इसकी जानकारी ऑनलाइन अपलोड की गई।

किसान अपने गांव का गिरदावरी डाटा राजस्व विभाग के वेबसाइट में तथा भुइयां पोर्टल के माध्यम से मैन्युअल गिरदावरी का डाटा देख सकते है। यदि किसी किसान को डीसीएस अथवा मैन्युअल गिरदावरी के डाटा में त्रुटि दिखाई देती है, तो वे संबंधित तहसीलदार के समक्ष लिखित आवेदन देकर दावा-आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं। प्राप्त शिकायतों का त्वरित निराकरण किया जाएगा।

इसके तहत मोबाइल इंटरफेस के माध्यम से सीधे खेत से डाटा एकत्र करने हेतु डिजिटल फसल सर्वेक्षण प्रणाली स्थापित की गई। यह प्रणाली प्रत्येक कृषि भूखंड की वास्तविक समय की जानकारी उपलब्ध कराती है, जिससे सटीक उत्पादन अनुमान लगाया जा सकेगा। 

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के अनुरूप एग्रीस्टैक विकसित किया गया है, जो किसानों के डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करता है। किसानों का अपने डेटा पर पूरा नियंत्रण होता है, जिसे केवल उनकी सहमति से अधिकृत संस्थाओं के साथ साझा किया जाता है। एग्रीस्टैक के माध्यम से सुरक्षित एपीआई और टोकन आधारित प्रमाणीकरण से डेटा तक नियंत्रित पहुंच सुनिश्चित की गई है।

जिन किसानों के पास मोबाइल फोन नहीं हैं, उनके लिए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), कृषि सखियों एवं कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से पंजीयन और सेवा प्राप्ति की सुविधा दी गई। जिले में विशेष शिविरों का आयोजन भी किया गया, ताकि कोई भी किसान एग्रीस्टैक के लाभ से वंचित न रहे। डिजिटल क्रॉप सर्वे से जिले में गिरदावरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है तथा किसानों को धान खरीदी, फसल बीमा और अन्य योजनाओं के लिए पात्रता की पुष्टि में सुविधा मिल रही है।



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