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विष्णुदेव साय सरकार की संवेदनशील पहल से ग्रामीण महिलाओं को मिला सम्मान और आत्मनिर्भरता का नया आधार

   प्रधानमंत्री आवास योजना ने सुमित्रा कोर्राम के पक्के घर का सपना किया पूरा रायपुर । प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने पेण्ड्रा जनपद क...

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प्रधानमंत्री आवास योजना ने सुमित्रा कोर्राम के पक्के घर का सपना किया पूरा

रायपुर । प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने पेण्ड्रा जनपद की ग्राम पंचायत दमदम की सुमित्रा कोर्राम जैसी कई गरीब महिलाओं के जीवन में स्थायी बदलाव की कहानी लिखी है। कच्चे घर में रहने से लेकर पक्के आशियाने तक का यह सफर विष्णुदेव साय सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का सशक्त उदाहरण बन गया है।

    सुमित्रा पहले मिट्टी के घर में रहती थीं, जहां बारिश और ठंड के मौसम में उनका परिवार असुरक्षित महसूस करता था। प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें पक्का घर बनाने के लिए आर्थिक सहयोग मिला। पंचायत सचिव और ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से घर का निर्माण तय समय में पूरा हुआ। इस दौरान सुमित्रा ने स्वयं मेहनत मजदूरी कर निर्माण में भागीदारी निभाई। मनरेगा के तहत 90 दिन की मजदूरी के रूप में अतिरिक्त आय भी प्राप्त हुई, जिससे परिवार को आर्थिक संबल मिला।

    सुमित्रा कहती हैं, “अब हमारे पास मजबूत छत है, घर में सुरक्षा और सम्मान दोनों हैं। यह सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।” अब उनका परिवार मौसम की किसी भी मार से सुरक्षित है और बच्चों के पढ़ने-लिखने के लिए भी बेहतर माहौल मिला है।

    विष्णुदेव साय सरकार की प्राथमिकता ग्रामीणों के जीवनस्तर में सुधार लाना है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कार्यक्रमों ने छत्तीसगढ़ के हजारों परिवारों को अपना घर देने का सपना साकार किया है। राज्य में आवास निर्माण कार्यों को गति देने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिससे पात्र हितग्राहियों को बिना देरी के लाभ मिल सके।

    इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण गरीबों को पक्का घर निर्माण के लिए वित्तीय सहायता, निर्माण सामग्री और तकनीकी सहयोग, मनरेगा के तहत मजदूरी एवं रोजगार के अवसर, गाँव के स्तर पर पंचायतों का सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है।

    विष्णुदेव साय सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में “हर गरीब के सिर पर मजबूत छत” का लक्ष्य नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। सुमित्रा कोर्राम जैसी महिलाओं की कहानियां दिखाती हैं कि यह योजना केवल आवास निर्माण तक सीमित नहीं, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के ग्रामीण स्वप्न को साकार करने की दिशा में मजबूत कदम है।

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