नई दिल्ली । कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि अप्रैल 2020 से जून 2021 के बीच कुल 16,...
नई दिल्ली । कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि अप्रैल 2020 से जून 2021 के बीच कुल 16,527 कंपनियां सरकारी रिकॉर्ड से हटा दी गई है. भारत सरकार के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. उनसे सवाल पूछा गया था कि क्या यह सच है कि कोरोनावायरस के दौर में देश भर में कितनी कंपनियां बंद हुई है.
अगर बात कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के पास दर्ज आंकड़ों की करें तो तमिलनाडु में इस अवधि में 1322 कंपनियां बंद हुई जबकि महाराष्ट्र में 1279 कंपनियां बंद हुई है. कर्नाटक में कोरोनावायरस संकट की अवधि में 836 कंपनियां बंद हुई है. चंडीगढ़ में 501, राजस्थान में करीब 500, तेलंगाना में 400, केरल में 300, झारखंड में 137, मध्यप्रदेश में 111 और बिहार में 104 कंपनियां इस अवधि में बंद हुई है. कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने यह आंकड़े एक सवाल के जवाब में उपलब्ध कराए हैं.
क्यों लिया ये फैसला
सरकार ने संसद को बताया कि कंपनी कानून 2013 के सेक्शन 248 के तहत 16,527 कंपनियों पर कार्रवाई हुई है. जानकारों का कहना है कोई कंपनी सरकार के ऑफिशियल रिकॉर्ड से तब हटाई जाती है. जब वो नियमों का पालन नहीं करती है.
अगर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) यह मानता है कि कंपनी कोई कारोबार या बिजनेस 2 सालों से नहीं कर रही है और इस अवधि में उसने डोरमेंट कंपनी स्टेटस के लिए आवेदन नहीं किया है तो कानूनी प्रक्रिया के बाद कंपनी को बंद किया जा सकता है.
अगर किसी कंपनी ने दो साल तक बिजनेस नहीं किया औ न ही कोई कारोबार शुरू करने को लेकर आवेदन किया. तब सेक्शन 248 के तहत, कंपनी को हटाया या बर्खास्त किया जाता है.
कितनी कंपनियों को हुआ घाटा
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि एमसीए पोर्टल में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान मुनाफे में चल रही कंपनियों की संख्या 4,00,375 रही. वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान घाटे में चल रही कंपनियों की संख्या 4,02,431 रही.
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