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रतनपुर में हर रोज आ रहे डायरिया के मरीज

  बिलासपुर: रतनपुर क्षेत्र में फिर एक बार डायरिया फैल गया है। इस बार गिरजावन और नवागांव में लगातार उल्टी दस्त के मरीज मिल रहे हैं। मरीजों ...

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बिलासपुर: रतनपुर क्षेत्र में फिर एक बार डायरिया फैल गया है। इस बार गिरजावन और नवागांव में लगातार उल्टी दस्त के मरीज मिल रहे हैं। मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि रतनपुर का 16 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डायरिया मरीजों से भर गया है। जांच में इनके बीमार होने की वजह दूषित पानी का सेवन करना बताया जा रहा है।

क्षेत्र में रोजाना नए डायरिया मरीज मिल रहे हैं। इनसे ज्यादातर मरीजों का इलाज तो घर से किया जा रहा है। इन्हें आवश्यक दवाएं दी गई है। वही जिनकी हालत गंभीर हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। डायरिया को लेकर हर मानसून में रतनपुर क्षेत्र संवेदनशील हो जाता है और यहां डायरिया के मरीज मिलते हैं।

वहीं मानसून के शुरुआत के साथ ही रतनपुर शहरी क्षेत्र में डायरिया मरीज मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबिक रोजाना 10 से 15 नए मरीज मिल रहे हैं। इनका इलाज किया जा रहा है। वहीं लगातार मिल रहे मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्वे भी कराया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर जरूरी दवाओं का वितरण किया जा रहा है। साथ ही लोगों को साफ पानी पीने के लिए जागरूक करते हुए क्लोरिन टेबलेट का भी वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा सलाह दी जा रही है कि यदि उल्टी, दस्त हो रही है, तो इसे गंभीरता से लिया जाए और तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर अपना उपचार कराएं।

रतनपुर क्षेत्र में तेजी से डायरिया का संक्रमण फैल रहा है। इस वजह से अस्पताल के बेड भी भर गए हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते अस्पताल में अब बेड की कमी हो गई है। रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ एक डॉक्टर हैं। और उन्हें ही इनका इलाज करना पड़ रहा है। सीमित स्टॉफ के साथ चिकित्सकीय व्यवस्था बनाने में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को स्टाफ संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रतनपुर के मोहल्लों में पेयजल सप्लाई नगर पालिका द्वारा बिछाई गई पाइपलाइन से किया जाता है। यह पाइपलाइन लगभग तीन दशक पुराना है और ज्यादातर पाइप नालियों के अंदर से होकर गुजरती है। पाइपलाइन में जगह-जगह लीकेज है। इसकी वजह से नालियों का दूषित पानी इन पाइपलाइन के माध्यम से घरों में जाता है और इसे पीकर ही रहवासी डायरिया से पीड़ित हो जा रहे हैं। मानसून के दिनों में यह समस्या और भी बढ़ जाती है।

बीते साल भी रतनपुर में डायरिया फैला था और 600 से ज्यादा डायरिया मरीज मिले थे। इनमें से तकरीबन पांच मरीज की मौत हुई थी। वही इस बार भी मरीज मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। नियंत्रण का प्रयास नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में डायरिया को लेकर हालत बिगड़ सकते हैं।

वहीं इसे लेकर डॉक्टर विजय चंदेल, प्रभारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रतनपुर का कहना है कि अधिकतर मरीज दूषित पानी पीने से बीमार हुए हैं। इसलिए लोग साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें और उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी का ही उपयोग करें। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायरिया पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है।

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