रायपुर । महादेव बेटिंग ऐप (Mahadev Betting App) घोटाले में फरार चल रहे सह-संस्थापक रवि उप्पल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय...
रायपुर
। महादेव बेटिंग ऐप (Mahadev Betting App) घोटाले में फरार चल रहे
सह-संस्थापक रवि उप्पल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को
सख्त निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि ऐसे आरोपी कानून और जांच एजेंसियों
के साथ खेल नहीं सकते। कोर्ट ने उप्पल की याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी
की, यह चौंकाने वाला मामला है, अदालत को अब कुछ करना ही होगा। उसे ढूंढ
निकालो।
दुबई से भी फरार हुआ आरोपी
रवि उप्पल, जो लंबे समय से
दुबई में रह रहा था, भारतीय एजेंसियों के प्रत्यर्पण प्रयासों के बीच वहां
से भी फरार हो गया। अब उसकी मौजूदगी का कोई स्पष्ट सुराग नहीं है। सुप्रीम
कोर्ट की बेंच जस्टिस एम.एम. सुंद्रेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने ईडी
को उसकी तलाश की जिम्मेदारी सौंपी है। अदालत ने कहा कि उप्पल की पहुंच काफी
लंबी है, तभी वह लगातार जगह बदल रहा है।
रवि उप्पल की याचिका खारिज
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मार्च को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग
मामले में रवि उप्पल को पेश होने का समन जारी किया था। लेकिन उप्पल ने
इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय
ने खारिज कर दिया।
ईडी का पक्ष और कोर्ट की प्रतिक्रिया
अतिरिक्त
सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने अदालत को बताया कि रवि उप्पल को 2023 में
दुबई में हिरासत में लिया गया था, लेकिन वह दुबई की जेल से भी फरार हो गया
है। इस पर जस्टिस सुंद्रेश ने सख्त लहजे में कहा, वह हर बार भाग नहीं सकता।
अंततः उसे इस प्रक्रिया का हिस्सा बनना ही पड़ेगा। साथ ही, अदालत ने यह भी
स्पष्ट किया कि जमानत के सवाल पर हम नरमी बरतने को तैयार हैं, लेकिन सही
समय आने पर ही उस पर विचार किया जाएगा।
महादेव ऐप घोटाला
महादेव
बेटिंग ऐप कथित रूप से एक ऑनलाइन सट्टेबाज़ी नेटवर्क है, जिसके जरिए देशभर
में हजारों करोड़ रुपए के लेन-देन किए गए। ईडी का आरोप है कि ऐप के जरिए
मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन किया गया।
रवि उप्पल और उसका सहयोगी सौरभ चंद्राकर इस पूरे नेटवर्क के कथित मास्टरमाइंड बताए जाते हैं।
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